सुहागिनों का त्यौहार करवाचौथ 17 अक्टूबर को…….
करवा चौथ में क्यों जरूरी होता है सर कि खाना जानने के लिए पढ़ें
जाने कैसे अपनी सरगी की थाल को बनाई हेल्दी
जालंधर ( स्टाफ रिपोर्टर )- पति की दीर्घायु के लिए महिलाएं कार्तिक महीने की चतुर्थी को दिनभर निर्जला करवा चौथ का व्रत रखती हैं । व्रत की शुरुआत सुबह – सुबह सरगी से शुरू होती है । जिसमें महिलाएं सूर्योदय से पहले सरगी खाकर इस व्रत को शुरू करती हैं । फिर पूरे दिन भूखे प्यासे रहकर शाम को चांद के निकलने का इंतजार करती हैं ।
सरगी लेने का रिवाज सास के हाथों है लेकिन अगर घर में साफ नहीं है तो फिर बड़ी ननद या जेठानी के हाथों से लेना चाहिए । सरगी लेने का सही समय भोर में 3:00 से 4:00 के बीच होता है । सरगी खाने का संबंध सेहत से भी जुड़ा होता है । सरगी को व्रत रखने से पहले खाया जाता है ताकि पूरे दिन व्रत करने वाली महिलाओं में ऊर्जा की कमी ना हो ।
आइए जानते हैं कि महिलाओं की सर की की थाल में क्या क्या होना चाहिए….
क्या होता है सरगी…..
सरगी एक भोजन की थाली है जिसमें खाने की कुछ चीजें होती हैं । करवा चौथ के व्रत से पहले जिसको खान के बाद दिनभर निर्जला उपवास रहा जाता है और फिर रात में चांद की पूजा करने के बाद ही खाया जाता है ।