Thursday, November 14, 2024
ਭਾਰਤ

कोरोना और ब्लैक फंगस की नकली दवा बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़

नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने कोविड-19 और ब्लैक फंगस के मरीजों के उपचार के लिये नकली दवाएं बनाने वाली एक इकाई का भंडाफोड़ किया और दो डॉक्टरों समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि व्हाट्सऐप के माध्यम से इन दवाइयों की कालाबाजारी की जा रही थी। पुलिस ने कहा, ‘‘कोविड-19 और ब्लैक फंगस की जीवन रक्षक दवाओं के तौर पर इस्तेमाल किये जा रहे नकली इंजेक्शन की कालाबाजारी पर बड़ी कार्रवाई की गयी और दो डॉक्टर समेत दस लोग गिरफ्तार किये गये।”

पुलिस के मुताबिक, मयंक तलुजा नामक एक आरोपी ने तीन महीने कोविड स्वयंसेवक के रूप में काम किया और वह अल खिदमत मेडिकोज में काम करने वाले वासिम खास के संपर्क में आया। शीघ्र ही तलुजा विभिन्न व्हाट्सऐप ग्रुप पर अपने मोबाइल नंबर का विज्ञापन देने लगा कि ब्लैक फंगस के उपचार वाली दवा उसके पास है।

दवा नियंत्रण विभाग ने पुलिस को सूचना दी कि तलुजा ब्लैक फंगस के मरीजों के उपचार में काम आने वाली दवा की कालाबाजारी में शामिल है। तब पुलिस ने जामिया मेट्रो स्टेशन के पास वासिम खान को गिरफ्तार किया, जो ब्लैक फंगस के उपचार में काम आने वाली लिपोसोमल एम्फोटरिसिन-बी दवा लेकर आया था। वासिम खान से मिली जानकारी के आधार पर अल खिदमत मेडिकोज पर छापा मारा गया, जहां से लिपोसोमल एम्फोटरिसिन-बी की दस और शीशियां मिलीं और उन्हें जांच के लिए भेजा गया।

पुलिस ने बताया कि अल खिदमत मेडिकोज के मालिक शोएब खान और दो सेल्समैन मोहम्मद फैजल यासीन एवं अफजल भी पकड़े गये। पुलिस उपायुक्त (अपराध) मोनिका भारद्वाज ने बताया कि जब तलुजा उस दवा दुकान पर पहुंचा, तब पुलिस ने उसे भी धर दबोचा। पूछताछ के दौरान शोएब खान ने बताया कि साकेत के मेडिज हेल्थ केयर का प्रबंधक शिवम भाटिया लिपोसोमल एम्फोटरिसिन-बी की शीशियों का स्रोत है।

Share the News

Lok Bani

you can find latest news national sports news business news international news entertainment news and local news