यदि आप अपनी फेसबुक के इस फीचर से गैर-जरूरी पोस्ट हटाने चाहते है तो…..पढ़े पूरी खबर……
नई दिल्ली – सोशल मीडिया के दिग्गज प्लेटफॉर्म फेसबुक ने एक नया फीचर जारी किया है। इस फीचर का नाम ‘वाय एम आई सीइंग डिस पोस्ट’ (Why am I seeing this post) है। इस फीचर की मदद से यूजर अपनी न्यूज फीड पर आने वाले गैर जरूरी पोस्ट से छुटकारा पा सकते हैं, जो ग्रुप, पेज और फ्रेंड्स की ओर से पोस्ट किए जाते हैं। यह जानकारी फेसबुक ने अपने ब्लॉग पोस्ट पर साझा की है।
कर सकेंगे शिकायत : फेसबुक की प्रोडक्ट मैनेजर रमय्या सेतुरमन के मुताबिक, इस फीचर से लोग अपनी न्यूजफीड पर चलने वाली पोस्ट और विज्ञापन पर टैब करके उसके ऊपर आने वाले विकल्प ‘वाय एएम आई सीइंग डिस पोस्ट’ पर जाकर शिकायत कर सकते हैं कि वह आपकी प्रोफाइल पर क्यों दिखाया जा रहा है। बताते चलें कि इससे पहले फेसबुक को कई विवादों का सामना करना पड़ा था, जिसमें उसपर जानकारी का गलत इस्तेमाल करने के आरोप लगे थे। इसके बाद फेसबुक की ओर से सुधार का यह पहला कदम है। इससे यूजर खुद अपनी न्यूज फीड को नियंत्रित कर पाएंगे। सेतुरमन के मुताबिक, यह पहली बार है जब फेसबुक खुद जानकारी जुटा रहा है कि एप में पोस्ट की रैकिंग खुद कैसे काम करती है।
एक और नए फीचर पर हो रहा है काम : ‘वाय एम आई सीनिंग डिस पोस्ट’ के अतिरिक्त फेसबुक एक नए फीचर को बेहतर बनाने पर काम कर रहा है। दरअसल, फेसबुक ने साल 2014 में ‘वाय एम आई सीइंग डिस एड’ को लॉन्च किया था और अब इसको बेहतर बनाने पर काम हो रहा है।
सेतुरमन ने कहा कि उन्हें बीते कई सालों के दौरान महत्वपूर्ण फीडबैक प्राप्त हुआ है। यह फीडबैक उनकी टीम की मदद करेगा और वह बेहतर काम कर सकेंगे। इस सुधार से फेसबुक का उद्देश्य लोगों द्वारा अपनी जरूरत के अनुसार अपनी न्यूजफीड को संवार सकें।
डाटा स्पीड बढ़ाने के लिए फेसबुक ने ली ड्रोन की मदद
दुर्गम क्षेत्रों तक बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी पहुंचाने के लिए एक कोशिश के तौर पर फेसबुक ने ड्रोन का विकल्प अपनाया है। रिपोर्ट के अनुसार फेसबुक ने हाल ही में छोटे लगभग पॉकेट साइज के ड्रोन्स का इस्तेमाल मोबाइल डाटा स्पीड बढ़ाने के लिए किया। इन ड्रोन्स को हाई-डेंसिटी सॉलिड स्टेट ड्राइव्स ले जाने के लिए खास तौर पर डिजाइन किया गया है और इनकी मदद से डाटा को उन जगहों पर भी पहुंचाया जा सकता है, जहां इंटरनेट की पहुंच नहीं है। यह ड्रोन उपभोक्ताओं के स्मार्टफोन्स और ग्राउंडेड कनेक्शन के बीच मेश नेटवर्क की तरह काम करेंगे। इस तरह हाइ-बैंडविद्थ वाले डाटा ट्रांसफर्स किए जा सकेंगे। फेसबुक के इस प्रॉजेक्ट का कोडनेम कैटालीना है, जिसे एक साल पहले रोक दिया गया था। यह उन एरियल इंटरनेट प्रॉजेक्ट्स में शामिल था जिन्हें फेसबुक ने बीच में ही छोड़ दिया था।