अपने ही पूर्व डीजीपी से पूछताछ करेगी पंजाब पुलिस …………
अपने ही पूर्व डीजीपी से पूछताछ करेगी पंजाब पुलिस …………
जालंधर ( विजे कुमार ) बेअदबी और उसके बाद में रोष व्यक्त करने के लिए कोटकपुरा में वाहेगुरू का जाप कर रही सिख संगत पर गोलियाँ चलाने के मामलो में कई अन्य पुलिस अधिकारियों की गिरफ़्तारी हो सकती है। सबसे अधिक तलवार पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी पर लटक रही है और उनके नाम पर एसआईटी ने जांच तेजी कर दी है।सैनी अपनी गिरफ्तारी की आशंका को देखकर पहले ही अदालत की शरण में जा चुके हैं।
अब तक पूर्व एसपी चरणजीत शर्मा और आईजी परमराज सिंह उमरानंगल की गिरफ्तारी हो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार को पुलिस रिमांड की अर्ज़ी पर बहस के दौरान सुमेध सैनी के नाम पर भी तीखी बहस अदालत में चली है। डीजीपी ने कौन से हालात में आईजी को गोली चलाने के निर्देश दिए जबकि कोटकपूरा में माहौल शांतीपूर्ण था। पूर्व डीजीपी सैनी का नाम आने से अब एसआईटी ने अपनी कमर कस ली है और इसकी गहराई तक जांच तेज कर दी गयी है।
एसआईटी अभी तक एडीजीपी इकबाल प्रीत सहोता, आईजी बठिंडा रेंज जतिन्दर जैन, डीआईजी फ़िरोज़पुर रेंज रणबीर सिंह, डीआईजी बठिंडा अमर सिंह चाहल, डिविज़नल कमिशनर बीके मीना, कोटकपूरा के एसपी हरजीत सिंह और एसडीएम हरजीत सिंह संधू से पूछताछ कर चुकी है। एसआईटी अब यह पता लाने में जुटी है कि संगत पर फायरिंग के समय पर उमरानंगल किस के साथ मोबाइल फ़ोन पर बातचीत कर रहे थे ? मोबाइल पर उन को कौन दिशा निर्देश दे रहा था ?
यह किसी से छिपा नहीं है कि चरणजीत शर्मा व आईजी उमरानंगल तत्कालीन डीजीपी सुमेध सैनी का दहिना व बायां हाथ माने जाते थे और डीजीपी सैनी ने ही चरणजीत को जहां मोगा का एसएसपी लगा रखा था वहीं उमरानंगल को लुधियाना जैसी महत्वपूर्ण सिटी का पुलिस कमिशनर लगा रखा था। अब दोनों सलाखों के पीछे है और एसआईटी ने अपनी जांच तेज कर दायरा बढ़ा दिया है। दोनों पुलिस अधिकारियों का अधिकार क्षेत्र नहीं था, फिर भी दोनों वहां पर भारी पुलिस बल के साथ पहुंच