इस पार्टी का फैसला 75 साल से अधिक उम्र के लोगों को टिकट नहीं……….
इस पार्टी का फैसला 75 साल से अधिक उम्र के लोगों को टिकट नहीं…………..
75 साल से अधिक उम्र के लोगों को लोकसभा चुनाव का टिकट नहीं देना उनकी पार्टी का फैसला है। इसकी वजह से पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे नेता चुनाव मैदान में नहीं उतर पाए।
अमित शाह ने कहा कि वह संसद में आने के लिए लोगों से सीधा जनादेश चाहते है और इसलिए उन्होंने आम चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। हालांकि, उन्होंने उन अटकलों को ज्यादा तवज्जों नहीं दी जिनमें कहा गया है कि यदि केंद्र की सत्ता में भाजपा की वापसी होती है तो वह सरकार में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस दावे का कोई आधार नहीं है क्योंकि राज्यसभा सदस्य होने पर भी कोई मंत्री बन सकता है।
पार्टी के बुजुर्ग नेताओं को टिकट नहीं दिए जाने के सवाल पर शाह ने कहा, केवल मीडिया ही इस मुद्दे को आगे बढ़ा रहा है। 75 से ऊपर के किसी भी व्यक्ति को टिकट नहीं दिया गया है। यह पार्टी का फैसला है। गांधीनगर सीट से अपनी उम्मीदवारी के बारे में बात करते हुए शाह ने कहा, मैं 25 साल तक विधायक रहा हूं। मैं एक राजनीतिक कार्यकर्ता हूं जो लोगों के बीच रहता है। जब मेरा विधानसभा कार्यकाल समाप्त हुआ, तब कोई लोकसभा चुनाव नहीं था। इसलिए, मैं राज्यसभा गया। मैं संसद जाने के लिए लोगों से सीधा जनादेश चाहता था और पार्टी इस पर सहमत हुई। भाजपा ने गांधीनगर संसदीय सीट से पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के स्थान पर शाह को उम्मीदवार बनाया है।