झोंपड़ी में बच्चे जिंदा जले 3 की हुई मौत ……..
झोंपड़ी में बच्चे जिंदा जले 3 की हुई मौत ……..
रोपड़ ( सुखविंदर ) . जिले में सोमवार को एक झोंपड़ी में आग लग जाने से तीन बच्चे जिंदा जल गए। मृत तीनों बच्चों की उम्र पांच साल से कम थी। आग लगने के कारण पता नहीं चल सका है। इस घटना में एक की मौत हो गई, जबकि दो बुरी तरह जलने से तड़प रहे थे। आनन-फानन में दोनों को अस्पताल ले जाया जा रहा था कि एक ने रास्ते में तो दूसरे ने पीजीआईएमएस पहुंचते ही दम तोड़ दिया।जानकारी के अनुसार, पेशे से राजमिस्त्री यूपी के मुरादाबाद का राज कुमार परिवार के साथ नूरपुर बेदी में एचडीएफसी बैंक के पीछे एक झोंपड़ी में रहता है। सोमवार को वह दिहाड़ी पर गया हुआ था। उसकी पत्नी जूली 3 बच्चों को झुग्गी में सोते हुए छोड़कर लकड़ियां लेने के लिए चली गई। तभी करीब ढाई बजे झुग्गी में आग लग गई और देखते ही देखते आग ने पूरे झोपड़ी के अपने चपेट में ले लिया।
आग की लपटे देख आस-पास के लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। लोगों ने मोटर चलाकर आग पर काबू पाने की कोशिश की। तब तक 5 साल का शिवम, 3 साल का विराज और 2 साल की रौशन बुरी तरह झुलस गए। इनमें से शिवम ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। जबकि दो को लोगों ने सिविल अस्पताल सिंघपुर में पहुंचाया। जहां से दोनों की गंभीर हालत को देखते हुए पीजीआईएमएस रेफर कर दिया गया, लेकिन रास्ते में विराज और पीजीआईएमएस के अंदर अस्पताल के बेड पर पहुंचने से पहले रौशन ने भी दम तोड़ दिया।प्रशासन ने किया घटनास्थल का दौरा:
प्रशासन की ओर से नूरपुरबेदी के नायब तहसीलदार हरिंदरजीत सिंह और थाना प्रमुख राजीव चौधरी ने घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने कहा कि परिवार की हालत को देखते हुए उन्हें आर्थिक मदद की जाएगी। थाना प्रमुख ने कहा कि घटना पहली नजर में शॉर्ट-सर्किट के कारण हुई लग रही है।
दरवाजा न लगा होता तो बच सकती थी जिंदगियां:
कुछ ही दूर एक अन्य झोंपड़ी में रह रही पीड़ित परिवार की रिश्तेदार सीना ने बताया कि लकड़ियां लेने के लिए गई जूली अकेले सोए हुए बच्चों की हिफाजत के लिए जाते समय झुग्गी का अस्थायी दरवाजा लगाकर गई हुई थी। अगर दरवाजा न लगाया होता तो शायद तीनों मासूम बच्चे बच सकते थे