



अमृतसर, तरनतारन, फाजिल्का व फिरोजपुर योजना में शामिल नहीं, योजना में गुरदासपुर और पठानकोट के 107 गांव चुने
नई दिल्ली/चंडीगढ़ (लोक बानी टीवी): इसे आपरेशन सिंदूर का प्रभाव कहा जाएगा कि पिछले पांच वर्षों से रुका बार्डर एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम (बीएडीपी) फंड केंद्र सरकार ने फिर से शुरू कर दिया है। ऐसा गुरदासुपर के सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा की ओर से लोकसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से सवाल पूछने के बाद हुआ है।
रंधावा ने 29 जुलाई को संसद में सवाल लगाया था कि क्या सरकार ने आपरेशन सिंदूर के बाद गुरदासपुर व पठानकोट जैसे पाकिस्तान की सीमा से सटे उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों बमियाल, कलानौर व डेरा बाबा नानक में नागरिक बुनियादी ढांचे की स्थिति का आकलन करने के लिए कोई आडिट या क्षेत्र सर्वेक्षण किया है?
विशेष रूप से अग्रिम चौकियों तक सड़कों, इन्फ्रास्ट्रक्चर की उपलब्धता व ग्रामीण स्कूलों – की गोलाबारी से सुरक्षा के लिए क्या किया जा जा रहा है?
उन्होंने यह भी पूछा कि क्या सरकार इन संवेदनशील क्षेत्रों में विकास प्राथमिकताओं को सुरक्षा रसद के साथ तालमेल करने के लिए एक संयुक्त बीएसएफ बीएडीपी तालमेल कमेटी बनाएगी?
चूंकि आपरेशन सिंदूर को लेकर कई दिनों तक विपक्ष ने संसद चलने नहीं दी तो सांसद रंधावा ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के यही सवाल उठाते हुए पत्र भी लिखा।
इसका उत्तर देते हुए केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने सांसद में लिखित जवाब में बताया कि केंद्र सरकार ने बीएडीपी के पुनरीक्षण के बाद वर्ष 2024-25 से 2028-29 तक 15 राज्यों व दो केंद्रशासित प्रदेशों के लिए 6,839 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है जिसमें पंजाब के गुरदासपुर व पठानकोट जिलों के 107 गांव शामिल किए गए हैं।
इन चिन्हित गांवों के विवरण राज्य सरकार को गृह मंत्रालय की ओर से भेज दिया गया है। नई शुरू की गई योजना में पंजाब के केवल गुरदासपुर व पठानकोट के 107 गांवों को ही लिया गया है, शेष जिलों अमृतसर, तरनतारन, फाजिल्का व फिरोजपुर को इसमें शामिल नहीं किया गया है। आपरेशन
सिंदूर में इन क्षेत्रों में भी पाकिस्तानी सेना ने ड्रोन के माध्यम से हमले किए थे जिससे इन्फ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचा।
यह योजना लंबे समय से चल रही थी जिसमें सीमावर्ती राज्यों के सीमावर्ती जिलों में इन्फ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने के लिए केंद्र सरकार की ओर सौ प्रतिशत राशि दी जाती थी। पंजाब के पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन् फिरोजपुर व फाजिल्का जिले पाकिस्तान की सीमा के साथ लगते हैं ।
जहां इस योजना के कारण ही इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत हुआ था लेकिन पिछले पांच वर्ष से यह योजना बंद होने के बाद 2023 में बाढ़ तथा 2025 में आपरेशन सिंदूर के कारण इन्फ्रास्ट्रक्चर बेहद नुकसान पहुंचा था।
सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा का अपना हलका डेरा बाबा नानक भी सीमा से सटा हुआ है। इसलिए ही उन्होंने लोकसभा में यह मामला उठाया है।





