



नई दिल्ली (लोक बानी टीवी): मशहूर सिंगर और रैपर बादशाह अपने पॉपुलर गाने ‘बावला’ को लेकर कानूनी विवाद में फंस गए हैं। करनाल की यूनिसिस इंफोसॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड ने बादशाह और उनकी एजेंसी पर आरोप लगाया है कि गाने की रिलीज और काम पूरा होने के बावजूद उन्हें 2.88 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया गया।
कंपनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए करनाल की कॉमर्शियल कोर्ट ने पहले ही जमा 1.70 करोड़ रुपये की एफडीआर (फिक्स्ड डिपॉजिट) को सुरक्षित किया था। अब, 16 अगस्त 2025 को आए आदेश में कोर्ट ने बादशाह को अतिरिक्त 50 लाख रुपये की एफडीआर जमा करने का निर्देश दिया है, ताकि वे बैंक से पैसा निकालकर या संपत्ति बेचकर भुगतान से बच न सकें।
विवाद की जड़ 30 जून 2021 को हुआ एक एग्रीमेंट है, जिसका शीर्षक था—‘प्रोड्यूसर एंड लाइन प्रोड्यूसर वर्क फॉर हायर एग्रीमेंट – बावला’।
समझौते के तहत, बादशाह को गाने के प्रमोशन के लिए 1.05 करोड़ और वीडियो निर्माण के लिए 65 लाख रुपये दिए जाने थे। कंपनी का कहना है कि उन्होंने समय पर सारा काम पूरा कर गाना 28 जुलाई 2021 को यूट्यूब व अन्य प्लेटफॉर्म्स पर रिलीज भी कर दिया था।
कंपनी के वकील अमित निरवानिया और एसएल निरवानिया ने बताया कि मई 2022 में बादशाह को दो टैक्स इनवॉइस भेजे गए— पहला 76.70 लाख रुपये (11.70 लाख जीएसटी सहित) और दूसरा 1.83 करोड़ रुपये (18.90 लाख जीएसटी सहित) का था।
बादशाह की ओर से एडवोकेट विजेंद्र परमार ने कोर्ट में पक्ष रखा। फिलहाल कोर्ट ने कंपनी के हितों को सुरक्षित रखने के लिए आदेश जारी किया है और मामला आगे की सुनवाई में जाएगा।
यह मामला म्यूजिक इंडस्ट्री में कॉरपोरेट एग्रीमेंट्स और भुगतान विवादों की गंभीरता को उजागर करता है।





